जिंदगी हर रोज़ एक नया मोड़ लेती है,
और किस्मत हर मोड़ पे मेरा साथ छोड़ देती है,
उम्र के इस पड़ाव पे भी मैं अफ़साने नए लिखता हूँ,
दर्द यह है की अब मेरी साँसे मेरा साथ नही देती हैं.
अब हमे भी जिंदगी में कोई आफ़ताब चाहिए,
बस आप सा ही कोई हमे भी जनाब चाहिए,
वो गुलाब जो मैं तुम्हें कभी भेज ही नही पाया,
आज उन फूलों का मुझे जवाब चाहिए.
Thursday, July 30, 2009
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